प्रतीकात्मक |
दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के तहत शहरी विकास निदेशालय ने ग्रामीणों के लिए रोजगार का नया मंच उपलब्ध कराया है। उत्तराखंड में क्षेत्र विशेष की पहचान वाले और घरों में बने हुए उत्पाद ई-कॉमर्स वेबसाइट फ्लिपकार्ट पर हाथोंहाथ बिक रहे हैं।
जल्द ही अमेजन के साथ भी समझौता
चमोली के आसन और चंबा के अंगूरी स्वेटर समेत उत्तराखंड के 50 उत्पादों की आन लाइन बिक्री धूम मचा रही है। जल्द ही अमेजन के साथ भी समझौता होने जा रहा है। सरकार की इस योजना के तहत शहरी विकास निदेशालय अब तक प्रदेश में 350 स्वयं सहायता समूहों को प्रशिक्षित कर चुका है।
लोग अपने घरों में ही उत्पाद तैयार कर रहे हैं। चमोली का आसन हो या अल्मोड़ा का हैंडीक्राफ्ट, चंबा के अंगूरी स्वेटर हों या बागेश्वर के ऊनी वस्त्र, सभी को फ्लिपकार्ट पर ग्राहक हाथोंहाथ ले रहे हैं।
घर बैठे मिल रहा रोजगार
अभी तक शहरी विकास निदेशालय स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किए गए 50 उत्पादों को वेबसाइट पर उपलब्ध करा चुका है। निदेशालय का मकसद इनकी संख्या में और इजाफा करना है। दूसरी ओर अमेजन पर भी उत्पाद उपलब्ध कराने के लिए बातचीत का अंतिम दौर चल रहा है। जल्द ही अमेजन के साथ भी समझौता हो जाएगा।
दीनदयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के तहत प्रदेशभर में स्वयं सहायता समूह बनाने वाले लोगों को घर बैठे ही रोजगार मिल रहा है। पहले इन समूहों के लिए अपने उत्पाद को बाजार देने की सबसे बड़ी समस्या होती थी, लेकिन निदेशालय की ओर से जब से ई-कॉमर्स का मंच उपलब्ध कराया गया है, तब से यह अच्छा रोजगार बनकर उभर रहा है।
इस योजना के तहत निदेशालय की ओर से ग्रामीणों को प्रशिक्षण देने के साथ ही अब ई-कॉमर्स वेबसाइट पर बाजार भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं।
- विनोद कुमार सुमन, निदेशक, शहरी विकास