Coronavirus in Uttarakhand : शनिवार को 85 दिनों के बाद नहीं हुई कोरोना मरीजों की मौत

Ankit Mamgain

प्रतिकात्मक
प्रतीकात्मक

उत्तराखंड में 85 दिनों के बाद कोरोना मरीजों की मौत का नया मामला सामने नहीं आया है। 24 घंटे के भीतर दस जिलों में 122 नए संक्रमित मिले हैं। वहीं, चमोली, बागेश्वर व उत्तरकाशी जिले में नए संक्रमित नहीं मिले हैं। ठीक होने वाले मरीजों की संख्या संक्रमितों से ज्यादा होने से पहली बार रिकवरी दर 95 प्रतिशत पहुंच गई है। 



स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार शनिवार को 13867 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जबकि 122 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। बीते 24 घंटों में प्रदेश में एक भी कोरोना मरीज की मौत नहीं हुई है। 29 अक्तूबर भी कोरोना मरीजों की मौत का कोई मामला नहीं आया था।



देहरादून जिले में 66 कोरोना संक्रमित मिले हैं। नैनीताल में 21, हरिद्वार में 10, ऊधमसिंह नगर में नौ, टिहरी में चार, पौड़ी में चार, अल्मोड़ा में तीन, चंपावत में दो, पिथौरागढ़ में दो, रुद्रप्रयाग जिले में एक संक्रमित मिला है। जबकि 180 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। 


प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 95586 हो गई है। इसमें 90910 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। वर्तमान में 1733 सक्रिय मरीजों को उपचार चल रहा है। सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण की दर 4.65 प्रतिशत है। 

आज मिले संक्रमित मामले

देहरादून-66

नैनीताल-21

हरिद्वार-10

ऊधमसिंह नगर-09

टिहरी-04

पौड़ी-04

अल्मोड़ा-03

चंपावत-02

पिथौरागढ़-02

रुद्रप्रयाग-01

रविवार से साप्ताहिक बंदी में भी खुलेंगे बार, होटल व रेस्त्रां

राजधानी देहरादून में रविवार से साप्ताहिक बंदी में भी बार, होटल व रेस्त्रां खुलेंगे। जिलाधिकारी डा. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने शनिवार देर शाम इसके आदेश जारी किए। राजधानी के बार, होटल व रेस्त्रां संचालक पिछले काफी समय से साप्ताहिक बंदी से छूट देने की मांग कर रहे थे। इसको लेकर शनिवार दिन में उन्होंने मेयर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन भी सौंपा था। 


कोरोना के दौरान बाजार में भीड़ को कम से कम रखने के उद्देश्य से कुछ समय पूर्व जिलाधिकारी डा. श्रीवास्तव ने साप्ताहिक बंदी को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने सभी बाजारों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को पूरी तरह बंद रखने के निर्देश दिए, जिससे कि बाजार में अनावश्यक भीड़ न हो।


साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी आसानी से कराया जा सके। हालांकि बार, होटल व रेस्त्रां संचालक पहले दिन से इस फैसले का विरोध कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे बाहर से आने वाले पर्यटकों को भोजन व ठहरने के लिए परेशान होना पड़ेगा।


इसके अलावा जो लोग होटल-रेस्त्रां में ही खाना खाते हैं, उनकी भी परेशानी बढ़ेगी। इसको लेकर उन्होंने कुछ दिन पूर्व उन्होंने जिलाधिकारी से भी मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। शनिवार को उन्होंने मेयर से मुलाकात की। मेयर ने उन्हें जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

अस्थायी अस्पताल में होंगी सभी सुविधाएं 

महाकुंभ में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए हरिद्वार के पावनधाम के पास 150 बेड के अस्थायी अस्पताल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है। अस्थायी अस्पताल में मेला अस्पताल जैसी तमाम चिकित्सकीय सुविधाएं होंगी। फरवरी के मध्य तक अस्पताल तैयार कर लिया जाएगा।   


कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया के लिए राजकीय मेला अस्पताल बनाया गया था। लेकिन इस बार महाकुंभ में मेला अस्पताल में श्रद्धालुओं को इलाज नहीं मिल पाएगा। कोरोना महामारी नियंत्रण के मद्देनजर अस्पताल को कोविड सेंटर बनाया गया है। अस्पताल के सभी को वार्डों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया गया। ऐसे में श्रद्धालुओं को ओपीडी और भर्ती की सुविधा मुहैया कराना संभव नहीं था।


इसलिए मेला अस्पताल की तर्ज पर पावनधाम के पास 2.5 करोड़ की लागत से 150 बेड के अस्थायी अस्पताल का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इस अस्पताल में ओपीडी के साथ इमरजेंसी सेवा भी उपलब्ध होंगी। अस्पताल में कार्डिएक और बर्न यूनिट भी बनाई जा रही है। अस्पताल में कोरोना संक्रमितों को आइसोलेट करने के लिए एक कोविड केयर सेंटर भी होगा। इसके अलावा अस्पताल में एक्सरे, अल्ट्रासाउंड और वेंटीलेटर जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। 


मेला अस्पताल को अधिकृत कोविड अस्पताल बनाया गया है। इसलिए विकल्प के तौर पर पावनधाम के पास 150 बेड के अस्पताल का निर्माण शुरू कर दिया गया है। इसमें मेला अस्पताल के ही जैसी स्वास्थ्य सुविधाएं श्रद्धालुओं को मिलेंगी 

- डॉ. अर्जुन सिंह सेंगर, मेलाधिकारी, स्वास्थ्य

टीकाकरण में प्रदेश में चंपावत शीर्ष पर

कोविड टीकाकरण में चंपावत जिला उत्तराखंड में चंपावत सबसे आगे हैं। 78.56 प्रतिशत टीकाकरण के साथ चंपावत ने प्रदेश में पहला स्थान बनाया है। टीकाकरण में सबसे आखिर स्थान देहरादून (55.43 प्रतिशत) का है।


डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय ने बताया कि 16 जनवरी से शुरू पहले चरण के टीकाकरण में चंपावत जिले में 791 में से 619 स्वास्थ्य कर्मियों को टीके लगे हैं। प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग में डीएम और सीएमओ डॉ. आरपी खंडूरी की सराहना की। 


वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये स्वास्थ्य सचिव नेगी ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों के बाद 16 फरवरी से दूसरे चरण में पहली पंक्ति के योद्धाओं का टीकाकरण किया जाएगा। डीएम सुरेंद्र नारायण पांडेय ने बताया कि जिले में 173 फ्रंटलाइन योद्धाओं का डाटा अपलोड कर दिया गया है।


आपदा नियंत्रण कक्ष नियमित रूप से निगरानी कर रहा है। वीडियो कांफ्रेंसिंग में एडीएम टीएस मर्तोलिया, सीडीओ आरएस रावत, सीईओ आरसी पुरोहित, डीडीएमओ मनोज पांडेय आदि थे।

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