बर्ड फ्लू फोटो - प्रतिकात्मक |
कोरोना की तर्ज पर बर्ड फ्लू से लड़ने वाले वन कर्मचारी भी बर्ड फ्लू वॉरियर कहलाएंगे। वनकर्मियों के बढ़ते रिस्क और मांग को देखते हुए वन विभाग इसकी योजना बना रहा है। वन मंत्री ने पीसीसीएफ से इसका प्रस्ताव बनाने को कहा है। साथ ही उन्हें जल्द से जल्द पीपीई किट और अन्य सुरक्षा उपकरणों के लिए सभी डिवीजनों को बजट रिलीज करने के निर्देश दिए हैं। अब तक प्रदेश में एक हजार से ज्यादा पक्षी मृत पाए जा चुके हैं। जिनमें सबसे ज्यादा संख्या देहरादून डिवीजन में है। जबकि इनमें से कई के सैंपल में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। इन पक्षियों के सैंपल लेने और इनको डिस्पोज करने में भी काफी रिस्क है।
लेकिन सभी जगह बर्ड फ्लू से निपटने के लिए लगे वन कर्मियों को पीपीई किट, सेनेटाइजर,ग्लब्ज आदि नहीं मिले हैं। जिस कारण हर वक्त इनको भी संक्रमण का खतरा रहता है। ऐसे में बर्ड फ्लू की ड्यूटी में लगे फ्रंटलाइन फारेस्ट वर्कर भी हाई रिस्क में हैं। इसी को देखते हुए विभाग में इनको जोखिम भत्ता दिए जाने और कोरोना की तर्ज पर बर्ड फ्लू वॉरियर घोषित करने की मांग उठ रही है। इसी को देखते हुए वन मंत्री डा. हरक सिंह ने विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा है, ताकि वनकर्मियों को बर्ड फ्लू योद्धा घोषित किया जा सके।
बर्ड फ्लू की रोकथाम में लगे वनकर्मी हाई रिस्क में काम कर रहे हैं। इस संक्रमण के इलावा ना जाने किसी मृत पक्षी को दूसरी कौनसी बीमारी या संक्रमण हो। इससे वनकर्मियों के संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। सभी डिवीजनों में और सभी कर्मचारियों को पीपीई किट, सेनेटाइजर और अन्य सुरक्षा किटें भी नहीं मिल सकी हैं। इसका बजट तुरंत रिलीज करने के निर्देश पीसीसीएफ को दिए हैं। साथ ही इन्हें बर्ड फ्लू योद्धा घोषित करने का प्रस्ताव मांगा है। ताकि उस पर आगे कार्रवाई हो सके।
डा. हरक सिंह रावत, वन मंत्री