उत्तराखंड में एक शादीशुदा महिला को शादी से इनकार करने पर जिंदा जला दिया गया। इस मामले में दोषी पाए गए युवक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
जानकारी के मुताबिक, मृतका अपने पति और दो बच्चों के साथ डुंग्री गांव में रहती थी। दोषी का नाम पवन मिश्रा (26 वर्ष) है और वह भी उसी गांव का रहने वाला है।
घटना 16 जनवरी 2018 को हुई थी। उस दिन मृतका का पति अपने ससुराल से डुंग्री आया था। वह रास्ते से अपने बच्चों और पत्नी को चाभी देकर घर भेज दिया और खुद बाजार में सब्जी लेकर आने के लिए रुक गया।
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जब मृतका और उसके बच्चे घर पहुंचे तो दोषी भी वहां पहुंच गया। उसके पास मिट्टी का तेल था और उसने मृतका से उससे शादी करने के लिए कहा। मृतका के मना करने पर उसने मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।
पड़ोसियों के पहुंचने पर आरोपी अन्दर से बाहर आया और कहा कि कुछ नहीं हुआ। मृतका के बेटे प्रियांशु ने अपने पिता को फोन करके घटना की सूचना दी।
पुलिस ने मृतका के परिवार की शिकायत पर आरोपी के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया। इलाज के दौरान मृतका की सफदरजंग अस्पताल दिल्ली में मृत्यु हो गई।
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पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अभियोजन के तथ्यों को सही पाते हुए आरोपी को दोषसिद्ध पाया और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही उसे 100000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जिसमें से 90000 रुपये का प्रतिकर मृतका के परिजनों मिलेगा।
इस मामले में न्यायालय ने कहा कि दोषी ने एक निर्दोष महिला की जान ली। उसकी इस कृत्य से समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा को बढ़ावा मिल सकता है। इसलिए उसे कड़ी सजा देना जरूरी है।